तीन साल बाद भी अधूरा विकास | बौंसी नगर पंचायत की ज़मीनी हकीकत

Report: Vipul Kumar Mishra | Bounsi

तीन साल बाद भी अधूरा विकास

बौंसी नगर पंचायत विकास को लेकर बड़े दावे किए गए थे।
हालांकि गठन के तीन वर्ष बाद भी ज़मीनी स्थिति बदलती नहीं दिखती।
नगर पंचायत की सामान्य बोर्ड बैठकों में विकास के मुद्दे उठते हैं।
लेकिन आम लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बैठकों में चर्चा, ज़मीन पर असर नहीं

सफाई व्यवस्था नगर की बड़ी समस्या बनी हुई है।
इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे और स्ट्रीट लाइट का मुद्दा भी हर बैठक में आता है।
लेकिन इन योजनाओं पर अमल बहुत सीमित है।
इसी कारण दावे और हकीकत में फर्क साफ नजर आता है।

सीसीटीवी पर बात, कार्रवाई नदारद

सीसीटीवी कैमरे का प्रस्ताव कई बार रखा गया।
लेकिन किसी घटना के बाद ही इसकी जरूरत महसूस होती है।
इसके बाद बैठक खत्म होते ही मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
इसलिए सुरक्षा व्यवस्था कमजोर बनी रहती है।

तकनीक की जरूरत बढ़ी

आज के समय में प्रशासन और मीडिया में तकनीक जरूरी हो गई है।
इसी बीच कई पत्रकार और कार्यालय कर्मी
HP 15s Laptop (12th Gen Intel Core i3)
जैसे उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।
इससे रिपोर्टिंग और दस्तावेजी काम आसान हो जाता है।

मेला चमकता है, विकास ठहर जाता है

मेला और आयोजनों के समय नगर सजता जरूर है।
वहीं मंचों से बड़े-बड़े भाषण भी दिए जाते हैं।
इसके बाद फाइलें और प्रस्ताव बढ़ते जाते हैं।
लेकिन स्ट्रीट लाइट और नालियां कागजों में ही रह जाती हैं।

जनता के सवाल अब भी बाकी

होल्डिंग और बैनरों से “चकाचक बौंसी” दिखाया जाता है।
लेकिन जमीनी हालात अलग कहानी कहते हैं।
नगर अध्यक्ष और प्रशासन जल्द काम का आश्वासन देते हैं।
फिर भी आम नागरिक सुविधाओं का इंतजार करता रहता है।

अब सवाल साफ है—
क्या बौंसी नगर पंचायत विकास सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा,
या आने वाले समय में बदलाव नजर आएगा?

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