Banka news.सावन माह में बौसी प्रखंड अंतर्गत विभिन्न ग्रामीण इलाकों में चोरी की घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है। चोरों का आतंक इस कदर फैल चुका है कि आए दिन किसी न किसी गांव से चोरी की वारदातें सामने आ रही हैं।
ग्रामीणों की मानें तो अब चोरों का तरीका भी बदल गया है। वे न केवल घरों को निशाना बना रहे हैं, बल्कि घर के बाहर खड़े वाहन, जैसे टोटो, टेंपो और लोहे की छड़ आदि भी उठा ले जा रहे हैं। कुछ गांवों में तो एक ही रात में तीन से चार घरों में चोरी की घटनाएं घटी हैं, जिससे ग्रामीण भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
स्थानीय युवाओं और नागरिकों का आरोप है कि पुलिस रात्रि गश्ती में लापरवाही बरत रही है। ग्रामीण सड़कों पर न तो पुलिस गश्ती वाहन नजर आते हैं और न ही किसी तरह की सतर्कता दिखाई देती है। इससे चोरों के हौसले बुलंद हैं और वे बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रशासन चोरी की घटनाओं पर गंभीरता से कार्रवाई करने की बजाय, अपनी पूरी ताकत शराबबंदी और शराब माफियाओं की धरपकड़ पर केंद्रित किए हुए है। इसके चलते आमजन की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
कुछ लोगों ने तो यह तक कहना शुरू कर दिया है कि अब थानों में रिपोर्ट दर्ज कराना भी व्यर्थ है, क्योंकि शिकायतों को नज़रअंदाज़ किया जाता है।
सवाल यह है कि जब आम लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस तंत्र पर है, तो आखिरकार क्यों बार-बार ग्रामीण इलाकों को नजरअंदाज किया जा रहा है?
जनता अब यह जानना चाहती है कि उनके जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कोई ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे? या फिर ये वारदातें यूं ही अनदेखी होती रहेंगी?
